लखनऊ, तन्वी सेठ के पासपोर्ट विवाद में पुलिस सोमवार को तन्वी की कैसरबाग स्थित ससुराल पहुंची जहां पुलिस टीम को उसके लखनऊ में रहने से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दो घंटे की पड़ताल और तन्वी के ससुरालीजनों से बातचीत के बाद टीम खाली हाथ लौट आई। कोई साक्ष्य न मिलने पर तन्वी का पासपोर्ट अटक सकता है। पासपोर्ट अधिनियम के मुताबिक आवेदक जो पता लिख रहा है, उस पर उसे एक साल रहना जरूरी है। तन्वी ने कैसरबाग स्थित ससुराल का पता दिया है लेकिन वह एक साल से वहां नहीं रह रही है।

इस आधार पर उनका पासपोर्ट रद्द हो सकता है। वहीं तन्वी की तरफ से पासपोर्ट के आवेदन में अगर कोई जानकारी गलत पाई गई, तो उनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के तहत प्राथमिकी भी दर्ज की जा सकती है। हालांकि, इस मामले में पुलिस खामोश है। चूंकि यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा बना हुआ है इसलिए पुलिस पासपोर्ट की जांच को लेकर भी कोई टिप्पणी नहीं कर रही। गौरतलब है कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा पर आवेदक तन्वी सेठ ने बदसलूकी का आरोप लगाया था।

तन्वी सेठ के मुताबिक, जब वह अपना आवेदन लेकर विकास मिश्रा के पास गई तो उन्होंने मुस्लिम से शादी करने को लेकर निजी कमेंट किए। तन्वी सेठ का आरोप है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो विकास मिश्रा ने उनके साथ बदसलूकी भी की। तन्वी सेठ ने इस पूरे मामले की शिकायत ट्विटर के जरिए विदेश मंत्रालय से की थी। घटना की जानकारी मिलते ही विदेश मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई कर लखनऊ कार्यालय से रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद विकास मिश्रा का तबादला गोरखपुर करने के साथ आनन-फानन में तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट जारी कर दिया गया था।

इधर, विकास मिश्रा ने गुरुवार को ही मीडिया के सामने तन्वी सेठ द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा था कि तन्वी सेठ गलत तरीके से अपने पति का नाम पासपोर्ट में शामिल कराना चाहती थीं, जिस निकाहनामे को आधार बनाकर वह यह दावा कर रहीं थीं, उसमें उनका नाम ‘सादिया अनस’ लिखा हुआ था। इसकी जानकारी उन्होंने आवेदन में नहीं दी थी। इसे लेकर उन्होंने आपत्ति जाहिर की थी।

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