विदित हो कि दोनों विभूतियों का निधन पिछले सरस्वती पूजा के दिन 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) को हो गया। कार्यक्रम जानकी विद्या निकेतन सीतामढ़ी के सभाकक्ष में आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता श्रीमती सुभद्रा ठाकुर ने की और संचालन विमल कुमार परिमल कर रहे थे। सुभद्रा ठाकुर ने कहा कि डा अवधेश्वर अरुण बज्जिका के बड़े कवि और हिन्दी के प्रतिष्ठित साहित्यकार थे।
कई लोगों ने अपना संस्मरण सुनाते हुए उनको सहज व्यक्ति बतलाया। परिमल ने बतलाया कि डा अवधेश्वर अरुण और भोला बाबू दोनों सरल , सहज और अनुशासनप्रिय लोग थे। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में डी सी द्विवेदी, हृषिकेश कुमार, डा शशि रंजन, रामबाबू सिंह, बच्चा प्रसाद विह्वल, राघव मिश्र, राम किशोर सिंह चकवा, प्रमोद सिन्हा, सुरेश वर्मा आदि प्रमुख थे।
(सीतामढ़ी से सांस्कृतिक संवाददाता की रपट)
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