'शान्त सुबह की भूमि' के रूप में ख्यात साउथ कोरिया एवं दुनिया की प्रमुख संस्कृति में से एक जापान की संस्कृति सहस्राब्दियों से देश के प्रागैतिहासिक जोम काल से बदलकर अपनी समकालीन आधुनिक संस्कृति में बदल गई है, जो एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका से प्रभावों को अवशोषित करती है। इसलिए भारत की सुप्रसिद्ध संस्था 'परिकल्पना ' की रजत जयन्ती यात्रा का समापन समारोह 12 सितम्बर,2024 से 20 सितंबर 24 तक दक्षिण कोरिया तथा जापान हेतु सुनिश्चित हुई है।
परिकल्पना वैश्विक प्रसार समिति की अध्यक्षा डॉ मिथिलेश दीक्षित ने बताया कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में 14 सितम्बर 2024 को यानी हिन्दी दिवस पर परिकल्पना एवं माधवी फाउण्डेशन संयुक्त तत्वावधान में विश्व हिन्दी सम्मेलन सम्पन्न होगा। समिति के निर्णय के अनुसार दोनो संस्थाओं के सम्मलित तत्वावधान में जापान की राजधानी टोक्यो में 18 सितंबर 2024 को "अन्तर्राष्ट्रीय हाइकु सम्मेलन" सम्पन्न होगा, जिसमें हाइकु पुस्तक प्रदर्शनी, लोकार्पण, हाइकु विमर्श, हाइकुकार सम्मान आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे । इसमें जापान की साहित्यिक,शैक्षिक संस्थाओं की भी सहभागिता रहेगी ।
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