टोक्यो: 23 सितम्बर 2024 (सांस्कृतिक संवाददाता की रिपोर्ट) दिन के पूर्वार्द्ध में हिन्दी के अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया तथा साथ ही  परिकल्पना  संस्था के रजत जयन्ती यात्रा समारोह का भी जिन्जा स्थित कोको आडिटोरियम, टोकियो में आयोजन किया गया। 

इसमें निर्भय नारायण गुप्त को 'परिकल्पना सम्मान' से सम्मानित करते हुए रु 25000-00 की धनराशि से पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त आई. पी. फाउंडेशन इंटरनेशनल द्वारा 'राष्ट्र गौरव साहित्य सम्मान' से सम्मानित किया गया। इस आयोजन में अमेरिका, प्रयागराज, दिल्ली, आगरा, उज्जैन, लखनऊ व दिल्ली के अनेक साहित्यकारों ने सहभागिता की। 


लगभग आठ अन्य साहित्यकारों का अंगवस्त्र सम्मान पत्र व शील्ड देते हुए सम्मान किया गया जिनके नाम क्रमशः डॉ सविता चड्ढा, सुश्री निशा मिश्रा, डॉ. क्षमा सिसोदिया, डॉ. प्रतिमा वर्मा, डॉ रमाकान्त कुशवाहा 'कुशाग्र', डॉ. सुषमा सिंह एवं सूरज मृदुल जिन्हें "परिकल्पना रजत जयंती यात्रा सम्मान" से सम्मानित किया गया। 


कार्यक्रम में छह साहित्यिक कृतियों का भी लोकार्पण किया गया साथ ही 'रेवांत' पत्रिका के ताजा अंक का लोकार्पण भी किया गया जिसकी प्रधान सम्पादक डॉ. अनीता श्रीवास्तव हैं व निर्भय नारायण गुप्त उसके संरक्षक हैं। निर्भय नारायण गुप्त के नवीनतम गीत संग्रह 'तम को तो आखिर मिटना है' , डॉ रामाकांत कुशवाहा कुशाग्र का उपन्यास " गण्डक की गोद में" डॉ क्षमा सिसोदिया के हाइकु संग्रह "पाश में निशा" , सुवर्णा का प्रेम विशेषांक, डॉ सूरज मृदुल का अभिनंदन ग्रंथ एवं डॉ सुषमा सिंह का हाइकु संग्रह "राम कथा" आदि का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री रवीन्द्र प्रभात, प्रधान सम्पादक 'परिकल्पना समय' व मुख्य अतिथि श्री राहुल उपाध्याय, माइक्रोसॉफ्ट अमेरिका, आयोजक डॉ. स्मिता मिश्रा व संयोजक सुश्री माला चौबे रहीॅ। 

कार्यक्रम में सुश्री प्रतिभा वर्मा द्वारा एकल नाटिका 'काहे जन्म दिये' का भावपूर्ण मंचन प्रस्तुत किया गया साथ ही उपस्थित अन्य सभी साहित्यकारों द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गईं। धन्यवाद ज्ञापन डॉ स्मिता मिश्रा ने किया। 

( टोकियो एअरपोर्ट से )

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