भक्तिकाल के संत कवि (तृतीय किश्त) -रामबाबू नीरव संत शिरोमणि कबीर दास जी के रहस्यवाद पर चर्चा करने से पहले एक खास बात की ओर पाठकों का ध्यान...
निरक्षर कबीर दास की तेजस्विता
भक्तिकाल के संत कवि (द्वितीय किश्त) - रामबाबू नीरव संत शिरोमणि कबीर दास (उनके अनुयायी उन्हें कबीर साहेब भी कहते हैं) निरक्षर थे, वे न तो ...
विद्रोही कवि : संत कबीर साहेब
भक्तिकाल के संत कवि - रामबाबू नीरव भक्तिकाल के कवियों में कबीर साहेब का व्यक्तित्व के साथ साथ कृतित्व भी सबसे अलग, निराला और अनोखा था. वे र...
रानी पद्मावती का जौहर (आत्मदाह)
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (अंतिम किश्त) - रामबाबू नीरव रानी पद्मावती के अनुपम सौंदर्य की किंवदंतियां उड़ते उड़ते कुंभलनेर (कुंभलगढ़) के राज...
रानी पद्मावती तथा गोरा-बादल के शौर्य की गाथा.
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि (सप्तम किश्त) - रामबाबू नीरव गोरा और बादल नाम के दो वीर योद्धा चितौड़गढ़ की शान थे. वे दोनों राजा रत्नसिंह के दो हा...
नागमती की विरह- वेदना और बारह मासा
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि पद्मावत की कथा (पंचम किश्त) -रामबाबू नीरव उस काल की परंपरा के अनुसार राजाओं और बादशाहों को कई कई विवाह करने के अध...
पद्मावती और रत्नसिंह का प्रेमाख्यान
भक्तिकाल के मुस्लिम कवि पद्मावत की कथा (चतुर्थ किश्त) - रामबाबू नीरव हीरामन राजा रत्नसिंह के समक्ष अपनी स्वामिनी पद्मावती के अनुपम सौंदर्य...