हिन्दी भाषा की विविधता, सौन्दर्य, डिजिटल और अंतराष्ट्रीय स्वरुप का उत्सव ‘हिन्दी उत्सव 2018 मॉरीशस की राजधानी पोर्टलुई में आयोजित किया जा रहा है। परिकल्पना समय (भारत) और हिन्दी प्रचारिणी सभा मॉरीशस के संयुक्त तत्त्वावधान में 2 सितंबर 2018 से 8 सितंबर 2018 तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव के मुख्य आयोजन 6 सितंबर 2018 को कोस्टल रोड, मॉरीशस स्थित ले ग्रैंड ब्ल्यू होटल के सभागार में तथा दिनांक 7 सितंबर 2018 को हिन्दी भवन, लॉन्ग माउंटेन मॉरीशस के सभागार में आयोजित किया जाएँगे। 

इस उत्सव में भाषा, साहित्य, प्रवासी लेखन, कविता और संगीत, मीडिया और प्रकाशन जगत से सम्बन्धित विविध विषयों पर परिचर्चा, सम्मेलन, कार्यशाला और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही मॉरीशस में हिन्दी पढ़ रहे छात्रों से विशेष संवाद भी किया जायेगा। 

भारतीय भाषाओँ के विकास और उनके वैश्विक प्रारूप को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध संस्था परिकल्पना की अध्यक्षा श्रीमती माला चौबे ने कहा, कि "यह हिन्दी उत्सव भाषा और साहित्य की तकनीकी प्रगति को समर्पित है। साथ ही हिन्दी भाषा को और समृद्ध करने की एक रचनात्मक पहल है। इस प्रकार के आयोजन से हमारी कोशिश है, कि हिन्दी भाषी समाज से पूरा विश्व जुड़ें और इसके विकास को रोशन करें।" 

हिन्दी प्रचारिणी सभा, मॉरीशस के प्रमुख श्री यन्तुदेव बुद्धू का कहना है कि हिन्दी उत्सव के आयोजन के माध्यम से हम अपनी भाषा अपनी संस्कृति को नया आयाम प्रदान करने जा रहे हैं। इस आयोजन से यहाँ के हिन्दी लेखकों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के साथ-साथ भारत से आए हिन्दी लेखकों, शिक्षकों और संस्कृतिकर्मियों को प्रेरणा और मनोबल मिलेगा। मॉरीशस में हिन्दी उत्सव के आयोजन से हम अधिक से अधिक लोगों तक अपनी भाषा और संस्कृति को पहुंचाने में सफल हो सकेंग जो हमारी संस्था का ध्येय वाक्य है- "भाषा गई तो संस्कृति गई"।

हिन्दी उत्सव के मुख्य समन्वयक और परिकल्पना समय के प्रधान संपादक श्री रवीन्द्र प्रभात ने बताया कि इस अवसर पर मॉरीशस के वरिष्ठ कथाकार डॉ. रामदेव धुरंधर को 2018 का 'परिकल्पना शीर्ष कथा सम्मान' देने का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत उन्हें ग्यारह हजार रुपये नगद, मान-पत्र, स्मृति-चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान किए जाएँगे। श्री राज हीरामन को 'परिकल्पना काव्यभूषण सम्मान' देने का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत उन्हें पाँच हजार रुपये नगद, मान-पत्र, स्मृति-चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान किए जाएँगे। श्री यन्तुदेव बधु एवं श्री धनराज शंभु को क्रमश: 'परिकल्पना भाषा सम्मान' एवं 'परिकल्पना साहित्य सम्मान' देने का निर्णय लिया गया है, जिसके अंतर्गत उन्हें दो हजार पाँच सौ रुपये नगद, मान-पत्र, स्मृति-चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान किए जाएँगे। इसके अलावा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में अग्रणी मॉरीशस के छ: साहित्यकारों क्रमश: श्री इंद्रदेव भोला इंद्रनाथ, श्रीमती कल्पना लालजी, श्री हनुमान दुबे गिरधारी, श्री सूर्यदेव सिबोरत, श्री टहल रामदीन एवं श्री परमेश्वर विहारी को क्रमश: परिकल्पना संस्कृति सम्मान, परिकल्पना काव्य सम्मान, परिकल्पना सृजन सम्मान, परिकल्पना हिन्दी सम्मान, , परिकल्पना प्रखर सम्मान और परिकल्पना प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत उन्हें मान-पत्र, स्मृति-चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान किए जाएँगे। 

उन्होने कहा कि इस अवसर पर भारत के पच्चीस साहित्यकारों और एक योग प्रशिक्षक का भी सारस्वत सम्मान इस मंच से होगा, जिसमें प्रमुख हैं डॉ मिथिलेश दीक्षित और डॉ प्रतिमा वर्मा जिन्हें क्रमश: परिकल्पना शीर्ष साहित्य सम्मान और परिकल्पना शीर्ष नाट्य कला सम्मान के लिए चयनित किया गया है, जिसके अंतर्गत उन्हें ग्यारह हजार रुपये नगद, मान-पत्र, स्मृति-चिन्ह और अंगवस्त्र प्रदान किए जाएँगे। इसके अलावा श्री सागर त्रिपाठी, श्री जगदीश पीयूष, डॉ राम बहादुर मिश्र, डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी, डॉ अदया प्रसाद सिंह "प्रदीप", डॉ ओम प्रकाश शुक्ल "अमिय", डॉ अरुण कुमार शास्त्री, डॉ मीनाक्षी सक्सेना "कहकशा", श्रीमती राजेश कुमारी राज, डॉ प्रभा गुप्ता, डॉ सुषमा सिंह, डॉ पूनम तिवारी, कुसुम वर्मा, श्री बिमल बहुगुणा, श्री राजीवा प्रकाश, सत्या सिंह "हुमैन", डॉ अनीता श्रीवास्तव, डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, श्री दीनानाथ द्विवेदी "रंग", डॉ शिव पूजन शुक्ल, सुश्री अंकिता सिंह, डॉ उदय प्रताप सिंह एवं श्री सचिंद्रनाथ मिश्र आदि को अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। 

साथ ही इस अवसर पर परिकल्पना समय के सितंबर 2018 अंक का लोकार्पण होगा जो मॉरीशस में हिन्दी भाषा और संस्कृति के विकास और विस्तार पर केन्द्रित है। इसके अतिथि संपादक हैं डॉ. राम बहादुर मिश्र। इसके अलावा त्रैमासिक पत्रिका ‘‘प्रस्ताव‘‘ के हाइकू विशेषांक जिसकी अतिथि संपादक हैं डॉ. मिथिलेश दीक्षित, मेरा स्वयं का चौथा उपन्यास लखनऊवा कक्का, डॉ. मीनाक्षी सक्सेना ‘‘कहकशा‘‘ की कविताओं का संग्रह एहसास के जूगनू, डॉ मिथिलेश दीक्षित एवं मेरे संयुक्त संपादन में प्रकाशित पुस्तक हिन्दी के विविध आयाम, डॉ रमाकांत कुशवाहा 'कुशाग्र" की कविताओं का संग्रह ढूँढे किसको बंजारा, डॉ ओंकारनाथ द्विवेदी के द्वारा संपादित त्रैमासिक पत्रिका अभिदेशक के नवीनतम अंक और श्री अद्या प्रसाद सिंह प्रदीप का खंडकाव्य तुलसीदास आदि पुस्तकें लोकार्पित होंगी। 

साथ ही इस अवसर पर श्रीमती आभा प्रकाश की एंब्रायडरी, श्रीमती कुसुम वर्मा के रेखाचित्र और पेंटिंग्स तथा डॉ. अर्चना श्रीवास्तव के विचारों पर आधारित कला प्रस्तुति की प्रदर्शनियाँ भी लगाई जाएंगी। साथ ही इसमें चार परिचर्चा सत्र भी होंगे, प्रथम परिचर्चा सत्र का विषय होगा "हिन्दी के वैश्विक परिदृश्य के निर्माण में साहित्यकारों की भूमिका", द्वितीय परिचर्चा सत्र का विषय होगा "हिन्दी के वैश्विक प्रसार में महिलाओं की भूमिका", तृतीय परिचर्चा सत्र का विषय होगा "मॉरीशस में अवधी तथा भोजपुरी बोलियों के प्रभाव में कमी" तथा चतुर्थ सत्र होगा "हिन्दी में हाइकु की दिशा और दृष्टि"। 

प्रसिद्ध रंगकर्मी, टेली धारावाहिक एवं हिन्दी फिल्म अभिनेत्री डॉ. प्रतिमा वर्मा , राजीबा प्रकाश और कुसुम वर्मा के द्वारा संयुक्त रूप से नाट्य प्रस्तुति तथा हॉलीवूड, वॉलीवूड और उत्तरांचली फिल्मों के अभिनेता श्री बिमल बहुगुणा द्वारा पंडवानी की तरह उत्तरांचली काव्य कवितावली की प्रस्तुति भावभंगिमा के साथ की जाएगी। इस अवसर पर कवि सम्मेलन और गजल संध्या का भी आयोजन किया गया है। सांस्कृतिक संध्या में अवधी की लोक गायिका कुसुम वर्मा और शिव पूजन शुक्ल के अलावा स्थानीय कलाकारों की मोहक प्रस्तुति होगी।

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