संस्मरण : डॉ ॰ अर्चना श्रीवास्तव

मॉरीशस के सर शिवसागर रामगुलाम एयरपोर्ट पर उतरते ही हम सभी भारतीय बहुत प्रसन्न थे क्योंकि माॅरिशस एयरलाइन्स में सम्पूर्ण यात्रा के दौरान अच्छी सुविधाएँ और उत्तम खान-पान की व्यवस्था उपलब्ध करायी गयी थी। शाम हो चुकी थी हम सभी को एयरपोर्ट से सीधे रात्रि-भोजन हेतु जिस रेस्टोरेन्ट में ले जाया गया, वह नमस्ते सो लू था, जिसमे भारतीय शैली के स्वादिष्ट भोजन के साथ मॉरीशस की धरा पर नमस्ते से हम सभी का स्वागत किया गया।
सप्त दिवसीय मॉरीशस प्रवास के दौरान हम सभी ली ग्रैंड ब्लू होटल में रूके थे। यह होटल आधुनिक सुख-सुविधाओं और स्वादिष्ट खान-पान व्यवस्था का अनुपम उदाहरण था। यहाँ पर रहते हुए हम सभी ने सुबह के नाश्ते और रात्रि भोजन के स्वादिष्ट व्यंजनों का भरपूर लुफ्त उठाया। दिन का भोजन, माॅरिशस-भ्रमण के दौरान प्रतिदिन नये और प्रतिष्ठित होटलों मे कराया जाता था। यात्रा के प्रथम तीन दिनों में वातानुकूलित बसों द्वारा मॉरीशस-भ्रमण किया।
पहले दिन शिप मेकिंग कम्पनी के अवलोकन के साथ-साथ भगवान शिव के प्राचीनतम प्रसिद्ध मंदिर एवं माँ दुर्गा की अति विशाल मूर्ति का दर्शन एवं पूजन किया। दूसरे दिन हम सभी कोे मॉरीशस का पुराना किला व राजधानी पोर्ट लुई के संभ्रान्त इलाकों, बाजारों व माॅल्स का भ्रमण कराया गया। तीसरे दिन हम सभी ने हिन्द महासागर के बीच में नौका-बिहार का भरपूर आनन्द उठाया। शिप में बैठकर कुछ देर तक हिन्द महासागर की जल-यात्रा भी की। सागर की उत्ताल तरंगों और प्रकृति के मनोरम दृश्यों को हम सभी नें करीब से देखा और महसूस किया। सागर और मॉरीशस के करीबी रिश्ते और अपनेपन ने हमारी यात्रा को और अधिक मन भावन बना दिया।

प्रारम्भ मे दोनों देशों का राष्ट्रगान गाया गया तत्पश्चात् डाॅ0 राम बहादुर मिश्र ने मंच संचालन किया। सभी अतिथियों ने हिन्दी के वैश्विक प्रचार पर अपने विचार व्यक्त किये।

दिनाँक 7 सितम्बर को हिन्दी प्रचारिणी सभा लांग माउंटेन में हिन्दी उत्सव का दूसरा भव्य आयोजन किया गया। माँ वाणी के सम्मानित मंच पर भारतीय उच्चायुक्त श्री अभय ठाकुर, श्री यान्त देव बुधु, श्री विनोद मिश्र, महामंत्री हिन्दी सचिवालय, सांसद श्री विकास ओरी तथा परिकल्पना (भारत) के श्री रवीन्द्र प्रभात जी उपस्थित थे। दोनों देशों के राष्ट्रगान के पश्चात् श्री धनराज शंभू तथा कवियित्रि श्रीमती सुनीता प्रेम यादव ने मंच का सफल संचालन किया। लोकगायिका श्रीमती कुसुम वर्मा की सस्वर वाणी वंदना के साथ कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ। इस मंच से भारत और मॉरीशस के साहित्यकारों को शाल, प्रतीक चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर, उनके द्वारा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में दी जा रही सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। लेखकों,कवियों और उपन्यासकारों की पुस्तकों का बड़ी संख्या में लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम की समाप्ति पर श्री यान्तु देव बुधु और श्री टहल जी अत्यंत भावुक हो गये और उन्होंने कहा, मॉरीशस के इस मंच पर अनेकों दल आ चुके हैं किन्तु भारत का परिकल्पना समूह अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुति और आत्मीयता के कारण, उन सभी दलों से हटकर है। निःसंदेह परिकल्पना को भुलाया नहीं जा सकता।


-प्राचार्य
राम सेवक यादव पी0जी0 काॅलेज, बाराबंकी।
बहुत सुदर प्रस्तुति। दीदी आपके विचार तथा काव्यपंक्तियाँ सभी को अच्छी लगी थीं। आपका प्रस्तुतिकरण भी बहुत शानदार। मैं भाग्यवान हूँ जिसे आप के साथ समय बिताने के मौका मिला😍😘
ReplyDeleteBahut khoob.Bollywood ke bare me janne ke liye Manoranjan Samachar par visit kre.
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